वृहद उद्योग -
(1) राजस्थान राज्य में वर्तमान में वृहद् उद्योगों का भी तेजी से विकास हो रहा है। कुछ प्रमुख वृहद उद्योग निम्नलिखित ,
- सूती वस्त्र उद्योग-) यह राजस्थान का सबसे प्राचीन उद्योग है।
- वर्तमान में भीलवाड़ा राजस्थान का प्रमुख वस्व उत्पादक क्षेत्र है।
- वस्त्रों की रंगाई-छपाई तथा बंधेज कार्य हेतु जयपुर (सांगानेर, बगरू), जोधपुर, चूरू, बीकानेर, नागौर प्रमुख केन्द्र हैं।
- राज्य में हनुमानगढ़, गंगानगर एवं गुलाबपुरा (भीलवाड़ा) की सहकारी वस्त्र मिलों को मिलाकर राजस्थान राज्य सहकारी स्पनिंग एवं जिनिंग मिल संघ की स्थापना की गई है जिसे "स्पिनफेड' कहा जाता है।
(2) सीमेंट उद्योग -
- राजस्थान सीमेण्ट उद्योग में भारत का अग्रणी राज्य माना जाता है। सीमेण्ट उत्पादन के लिए चूना पत्थर, जिप्सम एवं कोयला प्रमुख कच्चा माल है। चूना पत्थर एवं जिप्सम राज्य में पर्याप्त मात्रा में मिलता है लेकिन कोयला मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ आदि अन्य राज्यों से मंगाया जाता है।
- कच्चे माल की उपलब्धि के कारण चित्तौड़गढ़ जिला सीमेंट उत्पादन के लिए आदर्श जिला माना जाता है।
- राज्य के प्रमुख सीमेंट में बिड़ला सीमेंट वर्क्स (चित्तौड़गढ़), उदयपुर सीमेंट वर्क्स (उदयपुर), मंगलम सीमेंट (कोटा), जे.के. व्हाईट सीमेंट (नागौर), श्री सीमेण्ट (ब्यावर), जे.के. सीमेंट वर्क्स (निम्बाहेड़ा) प्रमुख हैं।
- राज्य का पहला सीमेंट कारखाना 20वीं सदी के दूसरे दशक में बूंदी जिले में स्थित लाखेरी में खोला गया था।
(3) शक्कर उद्योग - शक्कर उद्योग एक कृषि आधारित उद्योग है जिसका कच्चा माल गन्ना है। राजस्थान की पहली शक्कर मिल 1932 ई. में मेवाड़ चीनी मिल्स, चित्तौड़गढ़ जिले के भूपालसागर में निजी क्षेत्र में स्थापित की गई थी, जो वर्तमान में बंद है। एक शक्कर मिल गंगानगर जिले में स्थित है। बूंदी जिले के केशोरायपाटन में भी एक शक्कर मिल है।