राजस्थान में पर्यटन विकास के प्रयास राजस्थान सरकार ने प्रदेश में पर्यटन के विकास के लिए निम्नलिखित प्रयास किये हैं
(1) राजस्थान पर्यटन विकास निगम-पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए राजस्थान में राजस्थान पर्यटन विकास निगम (R.T.D.C.) की स्थापना की गई है।
(2) विभिन्न नारे-राज्य में पर्यटन के विकास हेतु 'पधारो म्हारे देश', 'राजस्थान पधारिये', 'रंगीलो राजस्थान', 'सुरंगा राजस्थान','अतुल्य राजस्थान', 'जाने क्या दिख जाए' आदि नारे दिए गए हैं।
(3) पर्यटक मंडल-पर्यटकों की सुविधा के लिए राजस्थान को अलग-अलग पर्यटक मंडलों में बांट दिया गया है। जिनमें से जयपुर-आमेर सर्किट, मरु सर्किट एवं मेवाड़ सर्किट अधिक महत्वपूर्ण हैं, जहाँ देशी व विदेशी पर्यटक अधिक आते हैं।
(4) उद्योग का दर्जा-राज्य में पर्यटन को बढ़ावा देने के .लिए इसे उद्योग का दर्जा दिया गया है। पर्यटन एक सेवा उद्योग है। पर्यटन के विकास के लिए राज्य में होटल निर्माण व पेइंग गेस्ट योजना संचालित है।
(5) परिवहन सुविधाएँ-परिवहन के लिए आरक्षण, गाइड, टैक्सी, प्रमुख पर्यटन स्थलों की जानकारी आदि इण्टरनेट पर उपलब्ध है, ताकि पर्यटक इन सभी की जानकारी जुटा सकें। सभी प्रमुख दर्शनीय स्थानों को सड़क मार्ग, रेल मार्ग
एवं हवाई मार्गों से जोड़ने का प्रयास किया गया है। राज्य में उपलब्ध परिवहन की सुविधा, लोककला, लोकनृत्य,
लोकगीत, पारम्परिक वेशभूषा आदि ने पर्यटन के विकास में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
(6) रॉयल राजस्थान ऑन व्हील्स-रॉयल राजस्थान ऑन व्हील्स जैसी शाही रेलगाड़ी सभी प्रमुख पर्यटन स्थलों की सैर करवाती है। यह रेलगाड़ी सभी तरह की अत्याधुनिक
सुविधाओं से सम्पन्न होने से देशी-विदेशी पर्यटकों को आकर्षित करती है। दिल्ली से शुरू होने वाली यह रेलगाड़ी राजस्थान में जोधपुर, चित्तौड़गढ़, उदयपुर, जयपुर एवं रणथंभौर से होकर आगे मध्य प्रदेश एवं उत्तर प्रदेश में चली जाती है।
(7) प्रमुख महोत्सव-पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार द्वारा कई मेलों का आयोजन किया जाता है, जैसेबीकानेर में ऊँट महोत्सव, जैसलमेर में मरु महोत्सव, जयपुर में पतंग महोत्सव, राजसमंद में कुंभलगढ़ महोत्सव, जोधपुर में मारवाड़ महोत्सव, उदयपुर में मेवाड़ महोत्सव आदि। इस प्रकार के महोत्सवों में प्रतिवर्ष हजारों की संख्या में देशी-विदेशी पर्यटक आते हैं।