राष्ट्रीय आय किसी देश के अंदर एक निश्चित अवधि में उत्पादित समस्त वस्तुओं और सेवाओं का मौद्रिक मूल्य है जिसमें विदेशों से प्राप्त आय भी सम्मिलित होती है। राष्ट्रीय आयों से देशों के आर्थिक विकास के स्तर की तुलना करना पर्याप्त नहीं है क्योंकि जनसंख्या असामान्य हो सकती है। इसलिए दो देशों के विकास के स्तर की तजुलना करने के लिए प्रतिव्यक्ति आय का प्रयोग लगातार बढ़ रहा है।