(c) रसदारू से अंतःकाष्ठ मृत एवं गैर-वहनीय तत्वों की उपस्थिति के कारण भिन्न होता है। पुराने पेड़ों के आंतरिक भाग में अति लिगनिन युक्त मृत तत्व पाये जाते हैं जिनके कोशिका भित्ती में अत्यधिक मात्रा में लिर्गनिन उपस्थित होता है अंतः काष्ठ (Heartwood) कहलाता है। अंतःकाष्ठ जल का संवहन नहीं करता है परंतु यह पेड़ को मजबूती प्रदान करता है। दूसरी ओर, तना के बाह्य भाग में अपेक्षाकृत कम रंगीन भाग होता है जिसे रसदारू (Sapwood) कहते हैं। इसके द्वारा जड़ से पत्तियों तक जल एवं खनिज लवणों का संवहन होता है।