साबुन के अणु ऐसे होते है जिनके दोनों सिरों के विभिन्न गुणधर्म होते है इसमें दो सिरे होते है एक जल विरोधी तथा दूसरा जलारागी। जल विरोधी सिरा कपड़ों में लगी मैल के साथ चिपक जाता है परन्तु जलारागी सिरा जल के अणुओं से चिपक जाता है। इसी संरचना को झाग $($मिसेल$)$ कहते है। इस झाग में साबुन के अणु एक गोलाकार आकार में व्यवस्थित होते है।
इसका ध्रुवीय भाग $\ce{COONa^+}$ होता है।
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लोग विभिन्न प्रकार से कपड़े धोते हैं। सामान्यतः साबुन लगाने के बाद लोग कपड़े को पत्थर पर पटकते हैं, डंडे से पीटते हैं, ब्रुश से रगड़ते हैं या वाशिंग मशीन में कपड़े रगड़े जाते हैं। कपड़ा साफ़ करने के लिए उसे रगड़ने की क्यों आवश्यकता होती है?