साम्प्रदायिकता समाज की वह स्थिति है जिसमें विभिन्न धार्मिक समूह अन्य समूहों पर अपनी श्रेष्ठता स्थापित करने का प्रयास करते हैं। इस मानसिकता के अनुसार या तो एक धार्मिक समुदाय के लोगों को दूसरे समुदाय के वर्चस्व में रहना होगा अथवा फिर उनके लिए अलग राष्ट्र बनाना होगा।