शहरी पर्यावरण दमघोंटू रहता है, जबकि गाँव का पर्यावरण खुला-खुला होता है । शहरों में पेड़-पौधों की कमी होती है जबकि गाँवों में अपेक्षाकृत अधिकता है। शहरों में छोटे-बड़े वाहनों की रेलमपेल है वहीं गाँवों में खनिज तेल चालित वाहन एक-दुकं ही दिख पड़ते हैं । गाँवों में सायकिल, बैलगाड़ा, टमटम ही अधिक दिखते हैं ।