सलमा अगर सहकारी समिति से तालाब लेती तो उसे बड़े आकार में तालाब लेना पड़ता, जिससे उसे दूसरे से ज्यादा कर्ज लेना पड़ता । सहकारी समितियाँ छोटे मछुआरों को तालाब नहीं देती, क्योंकि वो हमेशा तालाब का बड़ा टुकड़ा देती है, जिसे लेना छोटे किसानों के लिए मुश्किल होता है।