टिस्को लौह इस्पात केन्द्र को लौह-अयस्क नोआमंडी (प० सिंहभूम), बदमा पहाड़ एवं गुरु महिसानी (उड़ीसा) की पहाड़ियों से प्राप्त होता है जो यहाँ से लगभग 100 किलोमीटर दूर है। कुल अयस्क की आवश्यकता का 50% भाग अकेले नोआमंडी से आता है। कोयला झरिया की खानों से मिलता है। चूनापत्थर 320 किलोमीटर की दूरी से विशेषकर विरमित्रपुर, हाथीबारी, बिसरा और कटनी से आता है। डोलोमाईट पागपोश से आता है। पानी की आवश्यकता स्वर्णरेखा और खरकई नदियाँ पूरा करती हैं। टिस्को के संयत्र से सलाखें, गर्डर, पहिए और पटरियाँ, चादरें, स्लीपर एवं फिश प्लेट बनाये जाते हैं।