उदारवादी राष्ट्रवाद का अभिप्राय था-व्यक्ति के लिए स्वतन्त्रता तथा कानून के सामने सबकी बराबरी। उदारवादी राष्ट्रवाद निरंकुश शासन का विरोधी तथा शासकों एवं पादरियों के विशेषाधिकारों की समाप्ति, संविधान तथा संसदीय प्रतिनिधि सरकार का समर्थक था। उदारवादी निजी सम्पत्ति के स्वामित्व की अनिवार्यता पर भी बल देते थे।