किरण प्रकाशिकी प्रकाश के सीधी रेखा में गति करने की संकल्पना पर आधारित है। विवर्तन प्रभाव जब प्रकाश का संचरण एक द्वारक झिरी या वस्तु के चारों ओर प्रेक्षित किया जाए) इस संकल्पना को नकारता है। तथापि किरण प्रकाशिकी की संकल्पना प्रकाशकीय यंत्र में प्रतिबिम्बों को स्थिति तथा उनके दूसरे अनेक गुणों को समझने के लिए सामान्यत: उपयोग में लायी जाती है। इसका क्या औचित्य है?