प्राचीनकाल से ही विदेश व्यापार विभिन्न देशों को परस्पर जोड़ने का माध्यम रहा है। विदेश व्यापार उत्पादकों को घरेलू बाजार अर्थात् अपने देश के बाजार से बाहर के बाजारों में पहुँचने का अवसर प्रदान करता है। विभिन्न देशों के उत्पादकों में प्रतियोगिता के कारण वस्तुओं की लागत अर्थात् उत्पादन व्यय में कमी होती है। इससे कम मूल्य में ऐसी वस्तुओं के उपभोग का भी अवसर मिलता है। जिनका निर्माण देश में नहीं हो सकता है। इस प्रकार विदेश व्यापार विभिन्न देशों के बाजारों को जोड़ने अथवा उनके एकीकरण में सहायक होता है।