पहली स्थिति जिसमें कहा गया है कि 1000 पैदा होने वाले बच्चों में से 300 बच्चों का वजन बहुत कम होता है और 143 बच्चों की पाँच वर्ष के अंदर मृत्यु हो जाती है। ये स्थिति तब उत्पन्न होती है जब किसी गर्भवती महिला को गर्भावस्था के दौरान संतुलित भोजन नहीं मिल पाता। संतुलित भोजन की कमी से उनके अंदर खून की कमी यानी एनीमिया की बीमारी हो जाती है।
जिस वजह गर्भवति महिला का वजन ही बहुत कम हो जाता है, जिस वजह से होने वाले बच्चे का वजन भी कम होता है और कमजोर शरीर होने की वजह से उन्हें कई तरह की परेशानियाँ होती हैं, जिससे कभी-कभी उनकी मृत्यु हो जाती है। इसका कारण है पैसे जानकारी के अभाव में गर्भवती महिला को संतुलित आहार और आयरन की गोली का नहीं मिल पाना।
दूसरी स्थिति जिसमें कहा गया है कि 100000 औरतों में से 400 औरतों की बच्चे के जन्म देते समय मौत हो जाती है। ऐसी स्थिति तब होती है जब गर्भवती महिला को प्रसव के लिए अस्पताल न ले जाकर घर में ही प्रसव कराने की कोशिश की जाती है। घर में प्रसव कराने के लिए शिक्षित नर्स की जगह किसी महिला से प्रसव कराने से कई तरह की इनफेक्शन होने की संभावना होती है, जिससे गर्भवती महिला की मौत हो सकती है।
इसका कारण है कम उम्र की लड़कियों का गर्भवती हो जाना और पैसे के अभाव में उन्हें अस्पताल न ले जाना और कभी-कभी गाँव की महिलाओं को तो प्रसव के लिए शहर लाते-लाते रास्ते में ही उनकी मौत हो जाती है।