$100^{\circ} C$ पर जल की मानक वाष्पीकरण एन्थैल्पी $\Delta_{\text {vap }} H ^{\circ} 40.66 kJ mol ^{-1}$ है। इसी ताप पर $\left(100^{\circ} C \right)$ जल के वाष्पीकरण की आन्तरिक ऊर्जा $\left( kJ mol ^{-1}\right.$ में) होगी :
[2012]
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अभिक्रिया के लिए एन्थैल्पी तथा ऐन्ट्रॉपी परिवर्तन क्रमशः $30 kJ mol ^{-1}$ तथा $105 JK ^{-1} mol ^{-1}$ है। किस ताप पर अभिक्रिया साम्य अवस्था को प्राप्त करेगी।
एक स्वचालित में होने वाली निम्न अभिक्रिया में
$
2 C _8 H _{18}( g )+25 O _2( g ) \longrightarrow 16 CO _2+18 H _2 O ( g )
$
$\Delta H , \Delta S$ तथा $\Delta G$ का चिन्ह हो सकता है:
यदि $H - H , Br - Br$ तथा $H - Br$ की आबंध ऊर्जा क्रमशः 433,192 तथा $364 kJ mol ^{-1}$ है तो अभिक्रिया $H _2( g )+ Br _2( g ) \rightarrow 2 HBr ( g )$ के लिए $\Delta H ^{\circ}$ है-
दिया गया है कि
$C + O _2 \rightarrow CO _2: \Delta H ^{\circ}=- x kJ$
$2 CO + O _2 \rightarrow 2 CO _2: \Delta H ^{\circ}=- y kJ$
कार्बन मोनोआक्साइड के निर्माण की एन्थैल्पी होगी-
$X _2, Y _2$ और $XY _3$ के लिये मानक एन्ट्रापियाँ क्रमशः 60,40 और $50 JK ^{-1} mol ^{-1}$ हैं। अभिक्रिया $\frac{1}{2} X _2+\frac{3}{2} Y _2 \rightleftharpoons XY _3, \Delta H=-30 kJ$
को तुल्यावस्था पर होने के लिये ताप होना चाहिए: