यदि एक गैसीय अभिक्रिया में $\Delta H$ एन्थैल्पी में परिवर्तन तथा $\Delta E$ आंतरिक ऊर्जा में परिवर्तन हो तो
[1990]
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निम्न प्रक्रमों पर विचार कीजिए।
$
\begin{array}{lc}
& \Delta H ( kJ / mol ) \\
1 / 2 A \rightarrow B & +150 \\
3 B \rightarrow 2 C + D & -125 \\
E + A \rightarrow 2 D & +350
\end{array}
$
For $B + D \rightarrow E +2 C , \Delta H$ will be :
चक्रीय हेक्सेन के हाइड्रोजनीकरण की एन्थेल्पी $-119.5$
$kJ mol ^{-1}$ है। यदि बेन्जीन की अनुनाद ऊर्जा $-150.4$
$kJ mol ^{-1}$ है, तो इसकी हाइड्रोजनीकरण एन्थैल्पी होगी-
अभिक्रिया के लिये
$
X _2 O _4(\ell) \rightarrow 2 XO _2( g )
$
300 केल्विन पर $\Delta U =2.1$ किलोकैलोरी,
$\Delta S =20$ कैलोरी केल्विन
तो $\Delta G$ है
$298 K$ ताप पर ग्रेफाइट तथा हीरे का घनत्व क्रमश:
$2.25$ तथा $3.31 g cm ^{-3}$ है। यदि मानक मुक्त ऊर्जा में अंतर $\left(\Delta G ^{\circ}\right) 1895 J mol ^{-1}$ के बराबर हो तो $298 K$ ताप पर ग्रेफाइट से हीरे में परिवर्तन के लिए दाब होगा-
$500^{\circ} C$ पर $Al _2 O _3$ के विघटन के लिये गिब्स ऊर्जा निम्नलिखित होती है :
$
\frac{2}{3} Al _2 O _3 \longrightarrow \frac{4}{3} Al + O _2 ; \Delta_{ r } G =+960 kJ mol ^{-1}
$
$500^{\circ} C$ पर एल्यूमीनियम ऑक्साइड $\left( Al _2 O _3\right)$ के विद्युत अपचयन के लिये विभव अंतर कम से कम होता है।