कोटा विद्रोह-कोटा में क्रांति की शुरुआत 15 अक्टूबर, 1857 ई. को लाला जयदयाल व मेहराब अली खाँ के द्वारा की गई। विद्रोही सैनिकों ने कैप्टन बर्टन का सिर काटकर पूरे कोटा शहर में घुमाया। कोटा के महाराव रामसिंह (द्वितीय) को क्रांतिकारियों द्वारा कोटा दुर्ग में कैद कर दिया गया। जून, 1858 में अंग्रेजों ने कोटा रियासत पर पुनः अपना नियंत्रण स्थापित कर लिया तथा क्रांतिकारी जयदयाल तथा मेहराब अली खाँ को फाँसी पर चढ़ा दिया गया।