विभिन्न मंडियों में अन्य सुविधाओं एवं व्यवस्थाओं के अतिरिक्त किसानों की सहायता हेतु आददिये भी होते हैं। इन आढ़तियों में से कुछ आढ़तिये, जिन्हें कच्चे आढ़तिये भी कहा जाता है, किसानों की उपज को मंडी में बनी अपनी दुकानों पर बेचते हैं और अपनी आढ़त या कमीशन काटकर किसान को उसकी उपज के उचित मूल्य का भुगतान कर देते हैं। इसके अतिरिक्त, कुछ पक्के आढ़तिये भी होते हैं जो कि कच्चे आढ़तियों से थोक व्यापारियों या मिल वालों के लिए उपज का क्रय करते हैं तथा क्रय किए गए सामग्री का अपनी व्यवस्था के अनुसार संग्रह भी करते हैं।