(i) प्रकूट त्रिक होता है।
(ii) एक प्रकूट केवल एक अमीनो अम्ल का कूट लेखन होता है अतः यह असंदिग्ध व विशिष्ट होता है।
(iii) कुछ अमीनो अम्ल का कूट लेखन एक से अधिक प्रकूटों द्वारा होता है, इस कारण इन्हें अपह्वासित कूट कहते हैं।
(iv) कूट लगभग सार्वभौमिक होते हैं।