भारत में धर्मनिरपेक्षता को लागू करने के लिए ये मौलिक अधिकार शामिल हैं
- समानता का अधिकार ।
- स्वतंत्रता का अधिकार |
- धार्मिक स्वतंत्रता का अधिकार ।।
- सांस्कृतिक और शैक्षणिक अधिकार ।
इन अधिकारों के द्वारा देश में धर्मनिरपेक्षता को पष्ट किया गया है। समानता के अधिकार के तहत कानून की नजर में प्रत्येक नागरिक को समान माना गया है। यानी देश का कानून सभी नागरिकों को एक समान सुरक्षा करेगा । सार्वजनिक स्थानों पर जाने से किसी भी व्यक्ति को रोक नहीं होगी। कोई किसी आधार पर किसी के साथ छुआछूत नहीं करेगा।
स्वतंत्रता के अधिकार के तहत देश के प्रत्येक नागरिक को चाहे व किसी भी धर्म का हो अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता होगी, भाषण की आजादी होगी. संगठन बनाने की स्वतंत्रता होगी, देश के किसी भी भाग में जाकर बसने, रोजगार व व्यापार करने की स्वतंत्रता होगी। इस प्रकार सभी को समानता दी “गयी है। धार्मिक स्वतंत्रता के अधिकार के तहत सभी नागरिकों को पूरी धार्मिक स्वतंत्रता दी गई है। प्रत्येक व्यक्ति को अपनी इच्छा का धर्म अपनाने, उसका प्रचार-प्रसार करने का अधिकार दिया गया है।
सांस्कृतिक और शैक्षणिक अधिकार के तहत धार्मिक या भाषाई, सभी अल्पसंख्यक समुदाय अपनी संस्कृति की रक्षा और विकास के लिए अपने-अपने शैक्षणिक संस्थान खोल सकते हैं।