आर्तव चक्र के नियमन में पीयूष ग्रन्थि के हार्मोनों की भूमिका स्पष्ट कीजिए।
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आर्तव चक्र के नियमन में पीयूष ग्रन्थि से स्रावित गोनेडोट्रोपिन (LHव FSH) महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। FSH पुटकीय वृद्धि एवं परिवर्धनशील पुटिकाओं से एस्ट्रोजन हार्मोन के स्रवण को उद्दीपित करता है। आर्तव चक्र के मध्य में FSH व LH. स्तर उच्चतम हो जाता है। LH के तीव्र स्रावण से इस समय (आर्तव चक्र के मध्य में) अण्डोत्सर्ग होता है। LH पीत पिण्ड के निर्माण व इससे प्रोजेस्ट्रॉन हार्मोन के स्रावण को भी उद्दीपित करता है।
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