अभिक्रिया के लिये
$
X _2 O _4(\ell) \rightarrow 2 XO _2( g )
$
300 केल्विन पर $\Delta U =2.1$ किलोकैलोरी,
$\Delta S =20$ कैलोरी केल्विन
तो $\Delta G$ है
[2014]
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उष्माक्षेपी अभिक्रिया के लिये तापमान $T_1$ एवं $T_2$ पर साम्यावस्था स्थिरांक क्रमशः $K _{ p }$ और $K _{ p }^{\prime}$ है। यदि यह मान लें कि तापमान सीमा $T_1$ एवं $T_2$, के बीच अभिक्रिया की ऊष्मा स्थिर है। तो आसानी से प्रेक्षित है
$X _2, Y _2$ और $XY _3$ के लिये मानक एन्ट्रापियाँ क्रमशः 60,40 और $50 JK ^{-1} mol ^{-1}$ हैं। अभिक्रिया $\frac{1}{2} X _2+\frac{3}{2} Y _2 \rightleftharpoons XY _3, \Delta H=-30 kJ$
को तुल्यावस्था पर होने के लिये ताप होना चाहिए:
एक मोल आदर्श गैस का, प्रारंभिक आयतन 1 लीटर से 10 लीटर तक समतापीय प्रसारित किया गया है। इस प्रक्रम के लिए $\Delta E \left( R =2 cal mol ^{-1}\right)$ है-
हाइड्रोजन की आयनन ऊर्जा $1311 kJ Mol ^{-1}$ है तथा क्लोरीन के लिए यह $1256 kJ Mol ^{-1}$ है। हाइड्रोजन $H _{( aq )}^{+}$आयन का निर्माण करता है किन्तु क्लोरीन $Cl _{( aq )}^{+}$आयन का निर्माण नहीं करता है क्योंकि