ac मेंस के साथ कार्य करने वाली फ्लोरोसेंट ट्यूब में प्रयुक्त चोक कुण्डली की आवश्यकता क्यों होती है? चोक कुण्डली के स्थान पर सामान्य प्रतिरोधक का उपयोग क्यों नहीं होता?
Exercise - 7.22
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एक प्रयुक्त वोल्टता संकेत एक dc वोल्टता तथा उच्च आवृत्ति के एक ac वोल्टता के अध्यारोपण से निर्मित है। परिपथ एक श्रेणीबद्ध प्रेरक तथा संधारित्र से निर्मित है। दर्शाइए कि dc संकेत C तथा ac संकेत L के सिरे पर प्रकट होगा।
यदि परिपथ को 110 V, 12 KHz आपूर्ति से जोड़ा जाए तो
परिपथ में अधिकतम धारा कितनी है? तथा
धारा शीर्ष व वोल्टेज शीर्ष के बीच समय-पश्चता कितनी है?
इससे इस कथन की व्याख्या कीजिए कि अति उच्च आवृत्तियों पर एक संधारित्र चालक होता है। इसकी तुलना उस व्यवहार से कीजिए जो किसी dc परिपथ में एक संधारित्र प्रदर्शित करता है।
एक लैंप किसी संधारित्र के साथ श्रेणीक्रम में जुड़ा है। dc एवं ac संयोजनों के लिए अपने प्रेक्षणों की प्रागुक्ति कीजिए। प्रत्येक प्रकरण में बताइए कि संधारित्र की धारिता कम करने का क्या प्रभाव होगा?
स्रोत की आवृत्ति को एक श्रेणीबद्ध LCR परिपथ की अनुनादी आवृत्ति के बराबर रखते हुए तीन अवयवों L,C को समान्तरक्रम में लगाते हैं। यह दर्शाइए कि समान्तर LCR परिपथ में इस आवृत्ति पर कुल धारा न्यूनतम है। इस आवृत्ति के लिए निर्दिष्ट स्रोत तथा अवयवों के लिए परिपथ की हर शाखा में धारा के rms मान को परिकलित कीजिए।
30 $\mu$F का एक आवेशित संधारित्र 27 mH के प्रेरित्र से जोड़ा गया है। संधारित्र पर प्रारम्भिक आवेश 6 mC है। प्रारम्भ में परिपथ में कुल कितनी ऊर्जा संचित होती है। बाद में कुल ऊर्जा कितनी होगी?
एक रेडियो को MW प्रसारण बैंड के एक खंड के आवृत्ति परास के एक ओर से दूसरी ओर (800 kHz से 1200 kHz) तक समस्वरित किया जा सकता है। यदि इसके LC परिपथ का प्रभावकारी प्रेरकत्व 200 $\mu $H हो, तो उसके परिवर्ती संधारित्र की परास कितनी होनी चाहिए?