मौलिक अधिकारों के अलावा और भी बहुत सारे अधिकार एवं कानून संविधान द्वारा प्राप्त होते हैं, जो सामाजिक, राजनैतिक, परिस्थितियों में विकास एवं बदलाव करते हैं। इस तरह से अधिकारों का दायरा बढ़ता जाता है । लोकतांत्रिक शासन व्यवस्था में अधिकारों की माँग तेजी से बढ़ती है। वास्तव में लोकतांत्रिक मूल्यों के विकास के समानान्तर अधिकारों का विकास होता है। अर्थात व्यक्ति के बढ़ते अधिकार इस बात की गवाही देते हैं कि उस समाज में लोकतंत्र की जड़ें कितनी मजबूत हो रही हैं।