ऐल्कोहॉलों से हैलोएल्केन बनाने की विभिन्न विधियों का वर्णन कीजिए।
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स्वप्रयत्न
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$(अ)$ निम्नलिखित एल्किल हैलाइडों की $S _{ N } 1$ क्रिया के प्रति क्रियाशीलता के बढ़ते क्रम में व्यवस्थित कीजिए।
$(ब)$ निम्नलिखित रासायनिक क्रियाओं को पूर्ण कीजिए एवं उत्पाद लिखिए।
$(i) \ CH_3-CH_2-C_1 + KOH ($एल्कोहॉली$) \rightarrow$
$(ii) \ R-CH=CH_2 + HBr ($परॉक्साइड$) \rightarrow$
समझाइए, क्यों- (i) क्लोरोबेन्जीन का द्विध्रुव आघूर्ण साइक्लोहेक्सिल क्लोराइड की तुलना में कम होता है ? (ii) ऐल्किल हैलाइड ध्रुवीय होते हुए भी जल में अमिश्रणीय हैं। (iii) ग्रीन्यार अभिकर्मक का विरचन निर्जल अवस्थाओं में करना चाहिए।
(अ) वुर्टज-फिटिंग अभिक्रिया का रासायनिक समीकरण लिखिए। (ब) ऐल्किल क्लोराइड जलीय KOH से अभिक्रिया करके ऐल्कोहॉल बनाता है जबकि ऐल्कोहॉलिक KOH की उपस्थिति में ऐल्कीन मुख्य उत्पाद के रूप में प्राप्त होती है। समझाइए।
$(अ)$ ऐरिल हैलाइड नाभिक स्नेही प्रतिस्थापन अभिक्रियाओं के प्रति कम क्रियाशील क्यों होते हैं? समझाइये।
$(ब)$ निम्नलिखित ऐल्किल हैलाइडों को $S_N^2$ अभिक्रिया के प्रति उनकी अभिक्रियाशीलता के बढ़ते क्रम में व्यवस्थित कीजिए।
$CH_3CH_2Cl, (CH_3)_2CHCl, (CH_3)_3CCl$
$(स) \ CH_3C$I का कक्षक आरेख बनाइए।
क्लोरोबेन्जीन की आर्थों एवं पैरा स्थिति पर इलेक्ट्रॉन आकर्षी समूह $(-NO_2)$ जुड़ा होने पर इसकी नाभिकस्नेही प्रतिस्थापन के प्रति क्रियाशीलता क्यों बढ़ जाती है? क्रियाविधि सहित समझाइए।