जब किन्हीं कारणों से पशु-पक्षियों के लिये चारा, पानी, मनुष्यों के लिए अनाज व पेयजल की कमी की स्थिति हो जाती है तो उसे अकाल कहा जाता है। राजस्थान में विशेषकर पश्चिमी राजस्थान में, बार-बार अकाल (सूखा) पड़ता है। अकाल (सूखा) पड़ने का कारण है वर्षा का सामयिक, अपर्याप्त, अनिश्चित, अनियमित होना। कम वर्षा राजस्थान की जलवायु का प्राकृतिक स्वभाव है, लेकिन विवेकहीन ढंग से वनों की कटाई, भूमिगत जल का अतिदोहन, पारंपरिक जल संसाधन प्रबंधन की उपेक्षा आदि का प्रतिकूल प्रभाव प्रदेश के आर्थिक और सामाजिक जीवन पर पड़ता है। इससे अकाल की बारम्बारता भी बढ़ी है।