(a) जीवाणु में मुख्य केन्द्रकीय DNA के आलावा कुछ आँत वृत्ताकार छोटे आकार का DNA जीवद्रव्य में पाया जाता है। ये प्लाज्मिड कहे जाते हैं। ये स्वतंत्रता से द्विगुणन करते हैं। इस गुण के कारण प्लाज्मिड का उपयोग जेनेटिक इंजीनियरिंग में किया जाता है। प्लाज्मिड को जीवाणु से निकालकर इसे एन्जाइम द्वारा काट कर इसमें वांछित DNA के टुकड़े जोड़कर उसे पुन: जीवाणु में डालकर उसकी अनेकों कॉपियाँ बनायी जा सकती हैं। यही क्रियाएँ जेनेटिक इंजीनियरिंग है।