बड़े-बड़े बाँधों और तटबंधों की आवश्यकता हमारे देश के लिए बहुत जरूरी है, क्योंकि बाँधों और तटबंधों की समुचित व्यवस्था होने से उपलब्ध जल संसाधन का समुचित उपयोग किया जा सकता है। बड़े-बड़े बाँध और तटबंधों की उपयोगिता बहुत अधिक है। इसका कारण यह है कि तटबंधों और बाँधों के द्वारा जल को समुचित रूप से उपयोग में लाया जा सकता है। जल को ही जीवन कहा जाता है। जल की उपयोगिता की सूची लंबी है।
पेयजल, घरेलू कार्य, सिंचाई, उद्योग, जनस्वास्थ्य, स्वच्छता तथा मल-मूत्र विसर्जन इत्यादि कार्यों के लिए जल अपरिहार्य है। इसके अलावे जल-विद्युत निर्माण तथा परमाणु संयंत्र-शीतलन, मत्स्य पालन, जल कृषि वानिकी, जल क्रीड़ा जैसे कार्य की कल्पना बिना जल के नहीं की जा सकती है। नदियों पर बाँध बनाकर बहुउद्देशीय नदी घाटी परियोजना को भी सुचारू रूप से चलाया जा सकता है जिससे सिंचाई का काम अच्छे तरीके से हो सकता है।
अतः बाँधों और तटबंधों के लाभ बहुत अधिक हैं। इसके अतिरिक्त जल संसाधन का समुचित उपयोग करने से मछली पालन का व्यवस्था करने में भी सुविधा होती है। जिससे राष्ट्रीय आय बढ़ती है और देश का आर्थिक विकास करने में सुविधा होती है। जल संसाधन का समुचित उपयोग करके बहुउद्देशीय नदी घाटी परियोजनाएँ चलायी जाती हैं जिसका देश के आर्थिक विकास में महत्वपूर्ण योगदान होता है। नदियों पर बाँध बनाकर यातायात की सुविधा बढ़ायी जाती है और पर्यटकों के लिए भी यह अनुकूल माना जाता है। इन सभी से देश का आर्थिक विकास करने में सहायता मिलती है। वास्तव में कृषि, वाणिज्य-व्यवसाय, उद्योग-धन्धे, पर्यटन व्यवसाय और जल परिवहन के माध्यम से देश का आर्थिक विकास करने में सुविधा होती है।