भारत के आर्थिक विकास में जल संसाधन का महत्वपूर्ण योगदान होता है। जल संसाधन एक प्राकृतिक संसाधन है जिसका भारत में समुचित उपयोग करके आर्थिक विकास किया जा सकता है और देश की अर्थव्यवस्था को संतुलित बनाया जा सकता है।
भारत के आर्थिक विकास करने में विभिन्न तत्वों का महत्वपूर्ण योगदान होता है जिसमें जल संसाधन की उपयोगिता बहुत अधिक है।
भारत एक कृषि प्रधान देश है। यहाँ पर मॉनसूनी जलवायु पायी जाती है जिसका लक्षण यह है कि कभी वर्षा अधिक होती है और कभी सुखाड़ पड़ जाता है। इसी प्रकार देश के सभी क्षेत्रों में वर्षा का वितरण एक समान नहीं है। इसलिए कृषि-कार्य करने के लिए सिंचाई की बहुत आवश्यकता है। नदियों, तालाबों तथा कुओं के जल से खेतों की सिंचाई की जाती है। साथ ही नलकूप के जल से भी खेतों की सिंचाई होती है। नदियों पर नहरें बनाकर इसे सिंचाई के काम में लाया जाता है। अतः जल संसाधन का सिंचाई के कार्य में बहुत योगदान होता है। समुचित रूप से सिंचाई की व्यवस्था करने से खाद्यान्न फसलों और व्यावसायिक फसलों का उत्पादन समुचित रूप से होता है। इससे राष्ट्रीय आय में वृद्धि होती है जिससे देश का आर्थिक विकास करने में सहायता मिलती है।
जल संसाधन के द्वारा पन बिजली का भी उत्पादन किया जाता है। जिससे उद्योग-धन्धों मेंबिजली की आवश्यकता की पूर्ति की जाती है। इससे कल-कारखानों में समुचित रूप से उत्पादन कार्य होता है जिससे देश में उद्योग-धन्धों की उत्पादकता बढ़ती है। इससे राष्ट्रीय आय में भी वृद्धि होती है और देश का आर्थिक विकास करने में सहायता मिलती है।