$\beta$-क्षय द्वारा, ट्राइटियम की अर्ध-आयु 12.5 वर्ष है। 25 वर्ष बाद शुद्ध ट्राइटियम के एक नमूने का कितना अंश अविघटित रहेगा?
उदाहरण - 13.5
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2.0 kg ड्यूटीरियम के संलयन से एक 100 वाट का विद्युत लैंप कितनी देर प्रकाशित रखा जा सकता है? संलयन अभिक्रिया निम्नवत ली जा सकती है ${ }_{1}^{2} \mathrm{H}+{ }_{1}^{2} \mathrm{H} \rightarrow{ }_{2}^{3} \mathrm{He}$ + n + 3.27 MeV.
8.0 mCi सक्रियता का रेडियोएक्टिव स्रोत प्राप्त करने के लिए ${ }_{27}^{60} \mathrm{Co}$ की कितनी मात्रा की आवश्यकता होगी? $ { }_{27}^{60} \mathrm{Co}$ की अर्धायु 5.3 वर्ष है।
1 किग्रा. हाइड्रोजन के संलयन के समय विमुक्त ऊर्जा का परिकलन कीजिए।
विखंडन रिएक्टर में$ 1.0 \mathrm{~kg}{ }^{235} \mathrm{U}$ के विखंडन में विमुक्त ऊर्जा का परिकलन कीजिए। (c) तथा (b) प्रश्नों में विमुक्त ऊर्जाओं की तुलना कीजिए।
लीथियम के दो स्थायी समस्थानिकों ${ }_{3}^{6} \mathrm{Li}$ एवं $ { }_{3}^{7} \mathrm{Li}$ की बहुलता का प्रतिशत क्रमशः 7.5 एवं 92.5 हैं। इन समस्थानिकों के द्रव्यमान क्रमश : 6.01512 u एवं 7.01600 u हैं। लीथियम का परमाणु द्रव्यमान ज्ञात कीजिए।
बोरॉन के दो स्थायी समस्थानिक ${ }_{5}^{10} \mathrm{~B}$ एवं ${ }_{5}^{11} \mathrm{~B}$है। उनके द्रव्यमान क्रमशः $10 \cdot 01294 u $ एवं $11 \cdot 00931 u$एवं बोरॉन का परमाणु भार $10.811 u$ है। ${ }_{5}^{10} \mathrm{~B}$ एवं$ { }_{5}^{11} \mathrm{~B}$ की बहुलता ज्ञात कीजिए।
एक दिए गए सिक्के का द्रव्यमान 3.0 g है। उस ऊर्जा की गणना कीजिए जो इस सिक्के के सभी न्यूटॉनों एवं प्रोटॉनों को एक-दूसरे से अलग करने के लिए आवश्यक हो। सरलता के लिए मान लीजिए कि सिक्का पूर्णत : ${ }_{29}^{63} \mathrm{Cu}$ परमाणुओं का बना है $\left({ }_{29}^{63} \mathrm{Cu}\right.$ का द्रव्यमान = 62.92960 u)
कुछ विशिष्ट परिस्थितियों में, एक नाभिक$ \alpha$-कण से अधिक द्रव्यमान वाला एक कण उत्सर्जित करके क्षयित होता है। निम्नलिखित क्षय-प्रक्रियाओं पर विचार कीजिए: ${ }_{88}^{223} \mathrm{Ra} $$\rightarrow$${82}^{209} \mathrm{~Pb}+{ }_{6}^{14} \mathrm{C}$ $ { }_{88}^{223} \mathrm{Ra} $$\rightarrow{ }$$_{86}^{219} \mathrm{Rn}$ + ${ }_{2}^{4} \mathrm{He}$ इन दोनों क्षय प्रक्रियाओं के लिए Q-मान की गणना कीजिए और दर्शाइए कि दोनों प्रक्रियाएँ ऊर्जा की दृष्टि से संभव हैं।
सामान्य विचार है कि केवल नाभिकीय क्रिया में ही द्रव्यमान-ऊर्जा एक दूसरे में बदले जा सकते हैं जबकि रासायनिक क्रिया में यह कभी नहीं होता है। यह कहना असत्य है। समझाइए।
जीवित कार्बनयुक्त द्रव्य की सामान्य ऐक्टिवता, प्रति ग्राम कार्बन के लिए 15 क्षय प्रति मिनट है। यह ऐक्टिवता, स्थायी समरथानिक ${ }_{6}^{14} \mathrm{C}$ के साथ-साथ अल्प मात्रा में विद्यमान रेडियोऐक्टिव ${ }_{6}^{12} \mathrm{C}$के कारण होती है। जीव की मृत्यु होने पर वायुमण्डल के साथ इसकी अन्योन्य क्रिया (जो उपर्युक्त संतुलित ऐक्टिवता को बनाए रखती है) समाप्त हो जाती है, तथा इसकी ऐक्टिवता कम होनी शुरू हो जाती है। ${ }^{14}{ }^{14} \mathrm{C}$ की ज्ञात अर्धायु (5730 वर्ष) और नमूने की मापी गई ऐक्टिवता के आधार पर इसकी सन्निकट आयु की गणना की जा सकती है। यही पुरातत्व विज्ञान में प्रयुक्त होने वाली ${ }_{6}^{14} \mathrm{C}$ कालनिर्धारण (dating) पद्धति का सिद्धान्त है। यह मानकर कि मोहनजोदड़ों से प्राप्त किसी नमूने की ऐक्टिवता 9 क्षय प्रति मिनट प्रति ग्राम कार्बन है। सिंधु घाटी सभ्यता के सन्निकट आयु का मिनट प्रति ग्राम आकलन कीजिए।