भारत में चुनाव परिणामों को स्वीकार करने की बाध्यता है । क्यों ?
स्वाध्याय
Download our app for free and get startedPlay store
भारत में चुनाव निष्पक्ष और स्वतंत्र ढंग से होता है। लोग चुनावी नतीजों को स्वीकार करने की मूल बाध्यता है या मूल पैमाना है। बड़े-बड़े नेता भी चुनाव हार जाते हैं। 2009 में रामविलास पासवान जैसे दिग्गज नेता भी चुनाव हार गए। यही लोकतंत्र का तकाजा है । निर्वाचन आयोग के सशक्त पर्यवेक्षक, राष्ट्रीय एवं अन्तर्राष्ट्रीय मीडिया भी चुनाव परिणामों की वैधता पर कड़ी नजर रखते हैं। यही कारण है कि चुनाव परिणाम घोषित होने पर उम्मीदवार उसे स्वीकार कर लेता है, यह संवैधानिक बाध्यता भी है।
art

Download our app
and get started for free

Experience the future of education. Simply download our apps or reach out to us for more information. Let's shape the future of learning together!No signup needed.*

Similar Questions

  • 1
    मतदाता सूची का क्या तात्पर्य है ?
    View Solution
  • 2
    चुनाव में प्रयोग होनेवाले मशीन का क्या नाम है ? यह कैसे कार्य करता है?
    View Solution
  • 3
    भारत में मतदाता की कौन-सी तीन योग्यताएँ होनी चाहिए ?
    View Solution
  • 4
    मतदान केन्द्र के चुनाव अधिकारी एवं पीठासीन पदाधिकारी के कार्यों का परिचय दीजिए।
    View Solution
  • 5
    चुनाव घोषणा पत्र क्या है ?
    View Solution
  • 6
    क्या हमारे देश में चुनाव लोकतांत्रिक है ?
    View Solution
  • 7
    भारत में कौन ऐसा राज्य है जहाँ स्थानीय निकायों में महिलाओं के लिए आधी सीटें आरक्षित कर दी गयीं हैं ?
    View Solution
  • 8
    चुनाव प्रणाली क्या है ?
    View Solution
  • 9
    चुनाव का प्रमुख उद्देश्य क्या है ?
    View Solution
  • 10
    वे कौन-कौन से ऐसे प्रतिबंधित कार्य हैं जिन्हें चुनाव के समय उम्मीदवार या पार्टी नहीं कर सकती ? अथवा, किस स्थिति में चुनाव रद्द घोषित हो सकता है ?
    View Solution