भारतीय लोकतन्त्र के सम्मुख तीन प्रमुख चुनौतियाँ निम्न प्रकार हैं-
दल में आंतरिक लोकतंत्र की चनौती-राजनैतिक दलों की सारी ताकत एक या कुछ नेताओं के हाथ सिमट गई है। दलों के पास न तो सदस्यों की खुली सूची होती है और न इनके आंतरिक चुनाव होते हैं। इससे राजनीतिक दलों और सरकार में पार्टी के सिद्धान्तों और नीतियों के प्रति निष्ठा नेता के प्रति निष्ठा में बदल जाती है।
लोकतंत्र के विस्तार की चुनौती-विधायिकाओं में महिलाओं का प्रतिनिधित्व नगण्य है: लोकतंत्र के विस्तार के लिए महिलाओं का प्रतिनिधित्व बढ़ाया जाना आवश्यक है। अत: विधायिकाओं में महिलाओं के लिए स्थान आरक्षित किए जाएँ।
लोकतंत्र को मजबूत करने की चुनौती-राजनीतिक दलों तथा सरकार में धन तथा बल के बढ़ते प्रभाव के कारण राजनीति में धन और अपराधीकरण का गठजोड़ बन रहा है। इस कारण राजनीतिक संस्थाएँ अपना कार्य जनहित में नहीं कर पा रही हैं।