(1) लोकतन्त्र की आधारभूत चुनौती-दुनिया के एक-चौथाई हिस्से में अभी भी लोकतान्त्रिक शासन व्यवस्था नहीं है। इन इलाकों में लोकतन्त्र की स्थापना हेतु बुनियादी आधार बनाने की चुनौती है। इनमें मौजूदा गैरलोकतान्त्रिक शासन व्यवस्था को गिराने, सत्ता पर सेना के नियन्त्रण को समाप्त करने की चुनौती है।
(2) लोकतन्त्र के विस्तार सम्बन्धी चुनौती-इसमें लोकतान्त्रिक शासन के बुनियादी सिद्धान्तों को सभी क्षेत्रों, सभी सामाजिक समूहों और विभिन्न संस्थाओं में लागू करना शामिल है। जैसे-स्थानीय सरकारों को अधिक अधिकारसम्पन्न बनाना, महिलाओं और अल्पसंख्यक समूहों की उचित भागीदारी सुनिश्चित करना आदि।
(3) लोकतन्त्र को मजबूत बनाने की चुनौती-इसमें लोकतान्त्रिक संस्थाओं और व्यवहारों को मजबूत बनाना शामिल है। इसका अभिप्राय संस्थाओं की कार्य-पद्धति को सुधारना और मजबूत करना होता है ताकि लोगों की भागीदारी और नियन्त्रण में वृद्धि हो।