भारतीय संविधान में दिये गये मौलिक अधिकारों के उद्देश्यों को स्पष्ट करते हुए डॉ. अम्बेडकर ने कहा था कि इन अधिकारों का दोहरा उद्देश्य है-
पहला यह कि, हरेक नागरिक ऐसी स्थिति में हो कि वह इन अधिकारों के लिए दावेदारी कर सके।
दूसरा यह कि, ये अधिकार हर उस सत्ता और संस्था के लिए बाध्यकारी हों जिसे कानून बनाने का अधिकार दिया गया है।