भारतीय संविधान में नीति-निर्देशक तत्वों का खण्ड संविधान सभा के सदस्यों ने इसलिए जोड़ा था ताकि और ज्यादा सामाजिक व आर्थिक सुधार लाए जा सकें। वे चाहते थे कि स्वतंत्र भारतीय राज्य जनता की गरीबी दूर करने वाले कानून और नीतियाँ बनाते हुए इन सिद्धान्तों को मार्गदर्शक के रूप में हमेशा अपने सामने रखें।