भ्रूणीय विकास के दौरान, अग्र पश्च पृष्ठ/अधर या मध्य/पार्श्व अक्ष पर ध्रुवता का स्थापन ( ध्रुवों का बनना) कहलाता है
[2003]
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(b) एक संघटनकर्ता (आर्गेनाइजर) दिशा संरेखक केन्द्र होता है जो भूरण या इसके एक अंश के विकास को निर्देशित करता है e.g उभयचरों में यह ब्लास्टोपोर (कोरकछिद्र) का पृष्ठ होठ में तथा मुर्गियों में प्रारम्भिक स्ट्रीक होती है।
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