बिहार की खाद्यान्न फसलों एवं उनके प्रकार की विस्तार से चर्चा करें।
स्वाध्याय
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बिहार की खाद्यान्न फसलों के प्रकार निम्नलिखित है-
(क) भदई (शरद कालीन)-भदई फसलें मई-जून में बोयी जाती _हैं। जो अगस्त-सितम्बर में तैयार हो जाती है । इसमें मक्का, ज्वार, जूट एवं धान की कुछ खास किस्में, इनकी खेती बिहार के मैदानी भाग में होती
(ख) खरीफ या अगहनी (शीत कालीन)-इसमें मुख्यतः धान की खेती होती है । इसकी बुआई जून में की जाती है और हिन्दी माह अगहन अर्थात दिसम्बर में कटनी होती है। बिहार की कृषि में अगहनी फसल का सर्वोच्य स्थान है।
(ग) रबी (बसंत कालीन)-रबी के अंतर्गत गेहूँ, जौ, चना, खेसारी, मटर, मसूर, अरहर, सरसों आदि तथा अन्य दलहन एवं तेलहन की खेती होती है। राज्य के कुल एक तिहाई भाग में इसकी खेती होती है।
(घ) गरमा (ग्रीष्मकालीन)-सिंचाई वाले स्थानों पर अथवा नमी वाले क्षेत्रों में गरमा फसलों की खेती होती है। इनमें हरी सब्जियाँ तथा विशेष प्रकार के धान एवं मक्का की खेती होती है। बिहार के नालन्दा जिले तथा वैशाली एवं सारण के गंगा तट पर हरी सब्जियाँ उपजाई जाती
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