भारत में विशेषकर देश के दक्षिणी और पश्चिमी भागों में गैर सरकारी संगठन एवं सहकारी समितियाँ गरीबों को खाद्यान्न की बिक्री के लिए कम कीमत वाली दुकाने खोलती हैं। दिल्ली मदर डेयरी उपभोक्ताओं को दिल्ली सरकार द्वारा निर्धारित नियंत्रित दरों पर दूध और सब्जियाँ उपलब्ध कराने में तेजी से प्रगति कर रही है। तमिलनाडु में जितनी भी राशन की दुकाने हैं उनमें से 94% सहकारी समितियों के माध्यम से चलाई जा रही हैं । गुजरात में दूध और दुग्ध उत्पादकों में अमूल एक और सफल सहकारी समिति का उदाहरण है। बिहार में दूध तथा दूध उत्पादों में पटना डेयरी जो ‘सुधा’ नाम से जानी जाती है, जो सफल सहकारी समिति का उदाहरण है। इन सभी ने देश में श्वेत क्रांति ला दी है। विभिन्न क्षेत्रों में अनाज बैंकों की स्थापना के लिए गैर-सरकारी संगठनों के लिए खाद्य सुरक्षा के विषय में प्रशिक्षण और क्षमता निर्माण कार्यक्रम संचालित करती है। ADS (Academy for Developmment Science) अनाज बैंक कार्यक्रम को एक सफल और नए प्रकार के खाद्य सुरक्षा कार्यक्रम के रूप में स्वीकृति मिली है।