बिहार की कृषि की मुख्य विशेषताएँ इस प्रकार हैंबिहार प्रांत की कृषि मानसून पर आधारित है। वर्षा पर निर्भर होने के कारण फसलों के उत्पादन में अनिश्चितता बनी रहती है। पर्याप्त वर्षा से अच्छी फसल होती है जबकि अल्पवृष्टि से फसलों का नुकसान होता है। इस तरह यहाँ की फसलें प्राकृतिक वर्षा पर निर्भर करती हैं।
खेती करने के तरीके पुराने हैं। हल-बैल. कुदाल, खुरपी ही प्रमुख उपकरण हैं। खेती श्रम पर अधिक आश्रित है। परंपरागत कृषि यहाँ की विशेषता है।
छुपी हुई बेरोजगारी हमारी कृषि की खास विशेषता है । यहाँ परिवार के । अधिकांश सदस्य फसल बुआई-कटाई के दौरान कृषि कार्यों में लगे रहते हैं। ऐसे में उन्हें स्वयं के लिए रोजगार में लगा होना समझ में आता है जबकि वे वस्तुतः रोजगार के अभाव में ही इन कार्यों में संलग्न होते हैं।