बिहार एक भू-आवेशित राज्य है। इसका समुद्री मार्ग से कोई सम्पर्क नहीं है। यहाँ जलमार्ग के लिए नदियों का उपयोग किया जाता है। यहाँ कई बड़ी नदियाँ हैं जिनमें सालोभर जल प्रवाहित होता रहता है। शायद यही कारण है कि इस राज्य में प्राचीन काल से ही जल परिवहन का कार्य होता रहा है। मध्यकाल में परिवहन का मुख्य साधन भी यही था। गंगा, घाघरा, कोसी, गण्डक और सोन नदियाँ मुख्य रूप से जल परिवहन के लिए उपयोग की जाती हैं। घाघरा नदी से खाद्यान, गंडक से लकड़ी और फल सब्जी, सोन नदी से बालू और पुनपुन से बाँस ढोए जाते हैं। गंगा में बड़े-बड़े स्टीमर चलाए जाते हैं। वर्तमान में गंगा नदी में हल्दिया-इलाहाबाद राष्ट्रीय जलमार्ग विकसित किया गया है। हाल ही में महेन्द्र घाट के पास एक राष्ट्रीय पोत संस्थान की स्थापना की गई है।