$\ce{CH3OC2H5}$ की $HI$ के साथ अभिक्रिया की क्रियाविधि को समझाइए।
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एथिल मेथिल ईथर की $HI$ के एक मोल के साथ अभिक्रिया से मेथिल ऐल्कोहॉल तथा एथिल आयोडाइड बनते हैं। लेकिन $HI$ का आधिक्य लेने पर मेथिल आयोडाइड तथा एथिल आयोडाइड बनते हैं।
$\ce{CH3-O-C2H5+ HI \longrightarrow CH3OH + C2H5I}$
$\ce{CH3OCC2H5+2 HI \longrightarrow CH3I+ C2H5I + H2O}$
इस अभिक्रिया से प्राप्त उत्पादों की व्याख्या इसकी क्रियाविधि से की जा सकती है।
क्रियाविधि $-$
पद $-1-$ ईथर का प्रोटोनीकरण
पद $I$ से प्राप्त ऑक्सोनियम आयन के कम प्रतिस्थापित कार्बन पर $I^-$ के आक्रमण से ऐल्किल आयोडाइड तथा ऐल्कोहॉल बनते हैं तथा इस अभिक्रिया की क्रियाविधि $S_N2$ होती है।
पद$-II$
अतः दो भिन्न$-$भिन्न ऐल्किल समूह युक्त मिश्रित ईथर से बनने वाले ऐल्कोहॉल तथा ऐल्किल आयोडाइड, ऐल्किल समूहों की प्रकृति पर निर्भर करते हैं। जब ईथर में प्राथमिक या द्वितीयक ऐल्किल समूह उपस्थित होते हैं तो छोटा ऐल्किल समूह ऐल्किल आयोडाइड बनाता है।
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एक यौगिक $(X) PCI_5$ से क्रिया करके यौगिक $Y$ बनाता है। यौगिक $Y$ की क्रिया मैग्नीशियम के ईथरी विलयन से कराने से प्राप्त यौगिक $(Z)$ की क्रिया प्रोपेनॉन के साथ कराकर जल अपघटन करने से $2-$मेथिल प्रोपेन$-2-$ऑल बनता है। यौगिक $X$ तथा $Y$ क्या हैं तथा अभिक्रियाओं के समीकरण भी दीजिए।