छुई-मुई पादप में गति | टाँग में होने वाली गति |
छुई-मुई पादप में गति अदैशिक तथा छूने से होती है। | हमारी टाँग में होने वाली गति ऐच्छिक होती है। |
पत्तों में गति उनकी आकृति में परवर्तन से होती है, जो उनकी कोशिकाओं में पानी की मात्रा में परिवर्तन से होती है। | यह पेशियों के सिकुड़ने तथा फैलने से होती है। |
ये गतियाँ अदिशिक गतियाँ होती हैं जो न तो उद्दीपन की दिशा में और न ही उससे परे होती हैं। | ये गतियाँ ऐच्छिक होती हैं तथा उद्दीपन की ओर या उससे परे भी हो सकता हैं। |
छुई-मुई पादप में गति रासायनिक गतिविधियों के नियंत्रण में होती है। | टांग में होने वाली गति तंत्रिका तंत्र के नियंत्रण में होती है। |