(d) अन्त्यावस्था में केन्द्रकों की पुन : स्थापना होती है। अपने-अपने ध्रुवों की ओर पहुचे हुए गुणसूत्रों में विरलता आने लगती है तथा अपनी पहचान को खो देते हैं तथा समूह में दो ध्रुवों पर एकत्रित हो जाते हैं। क्रोमैटिन द्रव्य के चारों तरफ केन्द्रक आवरण एकत्रित होता है। कन्द्रिका, गाल्जीकाय तथा अतः प्रद्रव्यी जालिका का पुनः निर्माण होता है।