गाँधीजी और उनके अनुयायी साबरमती से 240 किलोमीटर दूर स्थित दांडी तक पैदल चलकर गए और वहाँ उन्होंने 6 अप्रैल, 1930 को समुद्र तट पर बिखरा नमक इकट्ठा करते हुए नमक कानून का सार्वजनिक रूप से उल्लंघन किया। उन्होंने पानी उबालकर नमक बनाया। इस घटना को ही दांडी मार्च कहते हैं।