उपभोक्ता जागरण की आवश्यकता अनेक अवसरों पर महसूस की जाती है जैसे शिक्षण संस्थाएँ अपने लुभावने प्रचारों के माध्यम से छात्रों को आकर्षित करते हैं, लेकिन वास्तव में वहाँ ऐसी कोई व्यवस्था नहीं होती। डॉक्टरों के द्वारा मरीज देखते समय फीस के बारे में जानकारी नहीं दी जाती है जिससे मरीजों का खूब शोषण होता हैं कई बार डॉक्टर की लापरवाही से मरीज की जान भी चली जाती है।
अतः इन सभी मामले ने उपभोक्ता जागरूकता आंदोलन की आवश्यकता होती है।