दोनों रपट में एक ही तरह के खवर को अलग-अलग तरीके से लिखा गया है।
न्यूज ऑफ बिहार की रिपोर्ट में बारिश से मौसम में आए परिवर्तन को ज्यादा फोकस किया गया है। इसमें लिखा गया है कि गर्मी की भयंकर तपिश झेल रहे लोगों को अचानक हुई वारिश से बहुत तंबाही भी मची। कई लोग सड़कों पर भिंगते नजर आए और कई जगह पेड़ गिर जाने से आवागमन भी बाधित हुआ।
दूसरी ओर बिहार रोजाना की रिपोर्ट में नगर-निगम की पोल पट्टी भी खोली गयी है। हर साल नगर निगम की ओर से नालियों व सड़कों की सफाई आदि पर लाखो करोड़ों रुपये खर्च किए जाते हैं, पर यहाँ आम नागरिकों की हर वही दुर्गति होती है। थोड़ी ही बारिश में सड़कों पर नालियों का गंदा पानीव मलमूत्र फैल जाता है। मुख्य सड़कों के साथ ही गली, मुहल्ले की सड़क – आदि में भी गंदा पानी भर जाता है।
इस दोनों खबरों में ‘न्यूज ऑफ बिहार’ में बारिश से मिलने वाली राहत – को बताया गया है और ‘बिहार रोजाना की रिपोटों’ में बारिश से आम लोगों – को होने वाली परेशानी और नगर निगम की पोल खोली गई हैं।