(a) द्विनिषेचन आवृतबीजी पौधे का मुख्य लक्षण है जिसमें एक नर युग्मक अंडाणु से संलयित होता है तथा दूसरा नर युग्मक दो पोलर न्यूक्लियाई से संलयित होता है। जिसे क्रमशः सिनगेमी तथा ट्रिपल फ्यूजन कहते हैं। दोनों प्रक्रियाओं को सम्मिलित रूप से द्विनिषेचन कहते हैं।