(b) आवृतबीजी में एक नर युग्मक, अंड कोशिका से संलयित होकर युग्मनज बनाता है। इस क्रिया को सिनगेमी कहते हैं। दूसरा नर युग्मक दो पोलर न्यूक्लियाई से संगलित होकर प्राथमिक भ्रूणपोष केन्द्रक बनाता है। इस क्रिया को त्रिसंलयन कहते हैं। इन दोनों क्रियाओं को द्विनिषेचन कहते हैं। इस क्रिया को सबसे पहले नावासचिन तथा ग्यूग ने फ्रिटिलेरिया तथा लिलियम में देखा था।