एक आयताकार लूप जिसकी भुजाएँ $8$ सेमी.एवं $2$ सेमी. हैं, एक स्थान पर थोड़ा कटा हुआ है। यह लूप अपने तल के अभिलम्बवत् $0.3\ T$ के एकसमान चुम्बकीय क्षेत्र से बाहर की ओर निकल रहा है। यदि लूप के बाहर निकलने का वेग $1$ सेमी. से$^{-1}$ है तो कटे भाग के सिरों पर उत्पन्न विद्युत वाहक बल कितना होगा, जब लूप की गति अभिलम्बवत् हो
लूप की लम्बी भुजा के
लूप की छोटी भुजा के। प्रत्येक स्थिति में उत्पन्न प्रेरित वोल्टता कितने समय तक टिकेगी$?$
Exercise - 6.4
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वायु के क्रोड वाली एक परिनालिका में, जिसकी लम्बाई $30$ सेमी तथा अनुप्रस्थ काट का क्षेत्रफल $25 $सेमी$^2$ तथा कुल फेरे $500$ हैं, $2.5\ A$ धारा प्रवाहित हो रही है। धारा को $10^{-3}$ से. के अल्पकाल में अचानक बन्द कर दिया जाता है। परिपथ में स्विच के खुले सिरों के बीच उत्पन्न औसत विद्युत वाहक बल का मान क्या होगा$?$ परिनालिका के सिरों पर चुम्बकीय क्षेत्र के परिवर्तन की उपेक्षा कर सकते हैं।
एक वृत्ताकार कुण्डली जिसकी त्रिज्या $8.0$ सेमी. तथा फेरों की संख्या $20$ है अपने ऊर्ध्वाधर व्यास के परित: $50\ rad$ से$^{-1}$ की कोणीय आवृत्ति से $3.0 \times 10^{-2}\ T$ के एकसमान चुम्बकीय क्षेत्र में घूम रही है। कुण्डली में उत्पत्र अधिकतम तथा औसत प्रेरित विद्युत वाहक बल का मान ज्ञात कीजिए। यदि कुण्डली $10 \Omega$ प्रतिरोध का एक बन्द लूप बनाए तो कुण्डली में धारा के अधिकत्म मान की गणना कीजिए। जूल ऊष्मन के कारण क्षयित औसत शक्ति की गणना कीजिए। यह शक्ति कहाँ से प्राप्त होती है$?$
पूर्व से पश्चिम दिशा में विस्तृत एक $10$ मी. लम्बा क्षैतिज सीधा तार $0.30 \times 10^{-4}\ Wb$ मी.$^{-2 }$ तीव्रता वाले पृथ्वी के चुम्बकीय क्षेत्र के क्षैतिज घटक से लम्बवत् $5.0$ मी. से.$^{-1}$ की चाल से गिर रहा है।
तार में प्रेरित विद्युत वाहक बल का तात्क्षणिक मान क्या होगा $?$
मान लीजिए कि उल्लिखित लूप स्थिर है किन्तु चुम्बकीय क्षेत्र उत्पन्न करने वाले विद्युत चुम्बक में धारा का मान कम किया जाता है जिससे चुम्बकीय क्षेत्र का मान अपने प्रारम्भिक मान $0.3\ T$ से $ 0.02\ Ts^{-1}$ की दर से घटता है। अब यदि लूप का कटा भाग जोड़ दें जिससे प्राप्त बन्द लूप का प्रतिरोध $1.6 \Omega $ हो तो इस लूप में ऊष्मन के रूप में शक्ति ह्रास क्या है$?$ इस शक्ति का स्रोत क्या है$?$
एक लम्बी परिनालिका के इकाई सेंटीमीटर लम्बाई में $15$ फेरे हैं। उसके अन्दर $2.0$ सेमी.$^2$ का एक छोटा$-$सा लूप परिनालिका की अक्ष के लम्बवत् रखा गया है। यदि परिनालिका में बहने वाली धारा का मान $2.0\ A$ में $4.0\ A$ से $0.1\ s$ कर दिया जाए तो धारा परिवर्तन के समय प्रेरित विद्युत वाहक बल कितना होगा$?$
एक शक्तिशाली लाउडस्पीकर के चुम्बक के धुवों के बीच चुम्बकीय क्षेत्र की तीव्रता के परिमाण का मापन किया जाना है। इस हेतु एक छोटी चपटी $2$ सेमी$^{.2}$ क्षेत्रफल की अन्वेषी कुण्डली $($search coil$)$ का प्रयोग किया गया है। इस कुण्डली में पास$-$पास लिपटे $25$ फेरे हैं तथा इसे चुम्बकीय क्षेत्र के लम्बवत् व्यवर्तिथ किया गया है और तब इसे दुत गति से क्षेत्र के बाहर निकाला जाता है। तुल्यतः एक अन्य विधि में अन्वेषी कुण्डली को $90^\circ$ से तेजी से घुमा देते हैं जिससे कुण्डली का तल चुम्बकीय क्षेत्र के समान्तर हो जाये। इन दोनों घटनाओं में कुल $7.5\ mC$ आवेश का प्रवाह होता है (जिसे परिपथ में प्रक्षेप धारामापी $($ballistic galvanometer$)$ लगाकर ज्ञात किया जा सकता है$)$। कुण्डली तथा धारामापी का संयुक्त प्रतिरोध $0.50 \Omega$ है। चुम्बक की क्षेत्र तीव्रता का आकलन कीजिए।
$1.0$ मी लम्बी धातु की छड़ उसके एक सिरे से जाने वाले अभिलम्बवत् अक्ष के परितः $400$ रेडियन से$^{-1}$ की कोणीय आवृत्ति से घूर्णन कर रही है। छड़ का दूसरा सिरा एक धात्विक वलय से सम्पर्कित है। अक्ष के अनुदिश सभी जगह $0.5$ टेस्ला का एकसमान चुम्बकीय क्षेत्र उपस्थित है। वलय तथा अक्ष के बीच स्थापित विद्युत वाहक बल की गणना कीजिए।