एक वृत्ताकार कुण्डली जिसकी त्रिज्या $8.0$ सेमी. तथा फेरों की संख्या $20$ है अपने ऊर्ध्वाधर व्यास के परित: $50\ rad$ से$^{-1}$ की कोणीय आवृत्ति से $3.0 \times 10^{-2}\ T$ के एकसमान चुम्बकीय क्षेत्र में घूम रही है। कुण्डली में उत्पत्र अधिकतम तथा औसत प्रेरित विद्युत वाहक बल का मान ज्ञात कीजिए। यदि कुण्डली $10 \Omega$ प्रतिरोध का एक बन्द लूप बनाए तो कुण्डली में धारा के अधिकत्म मान की गणना कीजिए। जूल ऊष्मन के कारण क्षयित औसत शक्ति की गणना कीजिए। यह शक्ति कहाँ से प्राप्त होती है$?$
Exercise - 6.6
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एक लम्बी परिनालिका के इकाई सेंटीमीटर लम्बाई में $15$ फेरे हैं। उसके अन्दर $2.0$ सेमी.$^2$ का एक छोटा$-$सा लूप परिनालिका की अक्ष के लम्बवत् रखा गया है। यदि परिनालिका में बहने वाली धारा का मान $2.0\ A$ में $4.0\ A$ से $0.1\ s$ कर दिया जाए तो धारा परिवर्तन के समय प्रेरित विद्युत वाहक बल कितना होगा$?$
एक शक्तिशाली लाउडस्पीकर के चुम्बक के धुवों के बीच चुम्बकीय क्षेत्र की तीव्रता के परिमाण का मापन किया जाना है। इस हेतु एक छोटी चपटी $2$ सेमी$^{.2}$ क्षेत्रफल की अन्वेषी कुण्डली $($search coil$)$ का प्रयोग किया गया है। इस कुण्डली में पास$-$पास लिपटे $25$ फेरे हैं तथा इसे चुम्बकीय क्षेत्र के लम्बवत् व्यवर्तिथ किया गया है और तब इसे दुत गति से क्षेत्र के बाहर निकाला जाता है। तुल्यतः एक अन्य विधि में अन्वेषी कुण्डली को $90^\circ$ से तेजी से घुमा देते हैं जिससे कुण्डली का तल चुम्बकीय क्षेत्र के समान्तर हो जाये। इन दोनों घटनाओं में कुल $7.5\ mC$ आवेश का प्रवाह होता है (जिसे परिपथ में प्रक्षेप धारामापी $($ballistic galvanometer$)$ लगाकर ज्ञात किया जा सकता है$)$। कुण्डली तथा धारामापी का संयुक्त प्रतिरोध $0.50 \Omega$ है। चुम्बक की क्षेत्र तीव्रता का आकलन कीजिए।
मान लीजिए कि उल्लिखित लूप स्थिर है किन्तु चुम्बकीय क्षेत्र उत्पन्न करने वाले विद्युत चुम्बक में धारा का मान कम किया जाता है जिससे चुम्बकीय क्षेत्र का मान अपने प्रारम्भिक मान $0.3\ T$ से $ 0.02\ Ts^{-1}$ की दर से घटता है। अब यदि लूप का कटा भाग जोड़ दें जिससे प्राप्त बन्द लूप का प्रतिरोध $1.6 \Omega $ हो तो इस लूप में ऊष्मन के रूप में शक्ति ह्रास क्या है$?$ इस शक्ति का स्रोत क्या है$?$
एक जेट प्लेन पश्चिम की ओर $1800$ किमी.घंटा वेग से गतिमान है। प्लेन के पंख $25$ मी. लम्बे हैं। इनके सिरों पर कितना विभवान्तर उत्पन्न होगा$?$ पृथ्वी के चुम्बकीय क्षेत्र का मान उस स्थान पर$ 5 \times 10^{-4}\ T$ तथा नति कोण $($dip angle$)\ 30^\circ$ है।
चित्र में एक धातु की छड़ $PQ$ को दर्शाया गया है जो पटरियों $AB$ पर रखी है तथा एक स्थायी चुम्बक के धुवों के मध्य स्थित है। पटरियाँ, छड़ एवं चुम्बकीय क्षेत्र परस्पर अभिलम्बवत् दिशाओं में हैं। एक गैल्वेनोमीटर $($धारामापी$) G$ को पटरियों से एक स्विच $K$ की सहायता से संयोजित किया गया है। छड़ की लम्बाई $= 15$ सेमी., $B = 0.50\ T$ तथा पटरियों, छड़ तथा धारामापी से बने बन्द लूप का प्रतिरोध $= 9.0 m \Omega$ है। क्षेत्र को एक समान मान लें।
माना कुँजी $K$ खुली $($open$)$ है तथा छड़ $12$ सेमी.से$^{-1}$ की चाल से दर्शायी गई दिशा में गतिमान है। प्रेरित विद्युत वाहक बल का मान एवं धुवणता $($polarity$)$ बताइए।
क्या कुँजी $K$ खुली होने पर छड़ के सिरों पर आवेश का आधिक्य हो जायेगा$?$ क्या होगा यदि कुँजी $K$ बन्द $($close$)$ कर दी जाए$?$
जब कुँजी $K$ खुली हो तथा छड़ एक समान वेग से गति में हो तब भी इलेक्ट्रॉनों पर कोई परिणामी बल कार्य नहीं करता यद्यपि उन पर छड़ की गति के कारण चुम्बकीय बल कार्य करता है। कारण स्पष्ट कीजिए।
कुँजी बन्द होने की स्थिति में छड़ पर लगने वाले अवमंदन बल का मान क्या होगा $?$
कुँजी बन्द होने की स्थिति में छड़ को उसी चाल $(= 12$ सेमी से.$^{-1})$ से चलाने हेतु कितनी शक्ति $($बाह्य कारक के लिए$)$ की आवश्यकता होगी$?$
बन्द परिपथ में कितनी शक्ति का ऊष्मा के रूप में क्षय होगा$?$ इस शक्ति का र्रोत क्या है$?$
गतिमान छड़ में उत्पन्न विद्युत वाहक बल का मान क्या होगा यदि चुम्बकीय क्षेत्र की दिशा पटरियों के लम्बवत् होने की बजाय उनके समान्तर हो$?$
पास-पास रखे कुण्डलियों के एक युग्म का अन्योन्य प्रेरकत्व 1.5 H है। यदि एक कुण्डली में 0.5 s में धारा 0 से 20 A परिवर्तित हो, तो दूसरी कुण्डली की फ्लक्स बंधता में कितना परिवर्तन होगा?
$12$ सेमी भुजा वाला वर्गाकार लूप जिसकी भुजाएँ $X$ एवं $Y$ अक्षों के समान्तर हैं, $x-$दिशा में $8$ सेमी. से$^{-1}$ की गति से चलाया जा रहा है। लूप तथा उसकी गति का परिवेश धनात्मक $z-$दिशा के चुम्बकीय क्षेत्र का है। चुम्बकीय क्षेत्र न तो एकसमान है और न ही समय के साथ नियत है। इस क्षेत्र की ऋणात्मक दिशा में प्रवणता $10^{-3}\ T$ सेमी.$-1$ है $($अर्थात् ऋणात्मक $x-$अक्ष की दिशा में इकाई सेंटीमीटर दूरी पर क्षेत्र के मान में $10^{-3}\ T$ सेमी $^{.-1}$ की वृद्धि होती है$),$ तथा क्षेत्र के मान में $10^{-3}\ T$ से $^{-1}$ की दर से कमी भी हो रही है। यदि कुण्डली का प्रतिरोध $4.50\ m \Omega$ हो तो प्रेरित धारा का परिमाण एवं दिशा ज्ञात कीजिए।