एक चुम्बक जिसका चुम्बकीय आघूर्ण $50 i Am ^2$ है, चुम्बकीय क्षेत्र $\overrightarrow{ B }=(0.5 \hat{i}+3.0 \hat{j}) T$ में x-अक्ष के अनुदिश रखा गया है। चुम्बक पर कार्य करने वाला बल आघूर्ण है-
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एक चुम्बकीय लोहे के तार की लम्बाई l एवं चुम्बकीय आघूर्ण m है। यदि इसे L आकृति में मोड़ने पर इसकी प्रत्येक भुजा समान लम्बाई की रहती है तो नवीन आकृति का चुम्बकीय आघूर्ण होगा-